- WKF द्वारा सदस्यता पर अंतरिम रोक
- खेल मंत्रालय ने मान्यता की रद्द
- तीन हिस्सों में बंटी KAI
- खिलाड़ी भविष्य को लेकर चिंतित

खेलो इंडिया न्यूज़: वर्ल्ड कराटे फेडरेशन (World Karate Federation) द्वारा 22 जून 2022 को जारी एक पत्र द्वारा भारतीय कराटे संघ (Karate Association of India – KAI) की सदस्य्ता अंतरिम रूप से समाप्त कर दी है। 2019 में हुए चुनावों में वर्ल्ड कराटे फेडरेशन के नियमो के उलंघन और भारतीय कराटे संघ के तीन हिस्सों में बातें होने की वजह से सदस्य्ता रद्द की गई है।
वर्ल्ड कराटे फेडरेशन (World Karate Federation) के अध्यक्ष ने एंटोनियो एस्पिनोस ने हरिप्रसाद पटनायक को अध्यक्ष सम्बोधित करते हुए यह पत्र लिखा जिसमे उन्होंने लिखा ‘‘भारतीय कराटे संघ (केएआई) की स्थिति की समीक्षा के लिये गठित आयोग की जांच के बाद डब्ल्यूकेएफ कार्यकारी समिति ने डब्ल्यूकेएफ के नियमों के अनुसार 22 जून से तुरंत प्रभाव से केएआई की मान्यता अस्थायी तौर पर रद्द करने का फैसला किया है जिसके कि आप अध्यक्ष हैं।’’
(World Karate Federation) ने ये भी कहा कि 2019 के चुनाव के समय कार्यकारिणी में 15 सदस्य थे लेकिन जांच किए जाने के समय केवल 8 सदस्य ही हैं। जिन तीन अधिकारिओं को निलंबित किया गया है वह गैरसंवैधानिक है।
डब्ल्यूकेएफ अध्यक्ष ने लिखा है, ‘‘KAI का वर्तमान प्रबंधन अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। वर्तमान प्रबंधन अब पंगु हो चुका है क्योंकि प्रबंधन के एक गुट की अगुवाई कर रहे लिखा तारा का दावा है कि पदाधिकारियों का चुनाव गैरकानूनी तरीके से किया गया जबकि प्रबंधन का एक गुट इस पर नियंत्रण की बात करता है जबकि एक अन्य गुट भरत शर्मा को उपाध्यक्ष पद पर बहाल करने की पेशकश कर रहा है।’’
डब्ल्यूकेएफ अध्यक्ष ने लिखा है, ‘‘केएआई का वर्तमान प्रबंधन अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। वर्तमान प्रबंधन अब पंगु हो चुका है क्योंकि प्रबंधन के एक गुट की अगुवाई कर रहे “लिखा तारा” का दावा है कि पदाधिकारियों का चुनाव गैरकानूनी तरीके से किया गया जबकि प्रबंधन का एक गुट इस पर नियंत्रण की बात करता है और एक अन्य गुट भरत शर्मा को उपाध्यक्ष पद पर बहाल करने की पेशकश कर रहा है। ’’
WKF अध्यक्ष का कहना है कि इसे देखकर लगता नहीं कि केएआई निकट भविष्य में मतभेदों और सभी मुद्दों का सौहार्दपूर्ण समाधान कर पाएगा। इसके बजाय आयोग को लगता है कि आंतरिक संघर्ष बढ़ेगा और ऐसे में राष्ट्रीय महासंघ की स्वायत्तता में हस्तक्षेप की संभावना है।
उक्त फैसला डब्ल्यूकेएफ की कार्यकारिणी ने लिया है, इस फैसले पर आने वाली कांग्रेस (आम सभा) में अंतिम फैसला होगा जिसके बाद KAI की सदस्य्ता पूर्ण रूप से समाप्त हो सकती है। इस आम सभा में (Karate Association of India – KAI) को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जायेगा जिसके बाद डब्ल्यूकेएफ अपना अंतिम फैसला सुनाएगा।
हालांकि KAI के पास फौरी तोर पर अगले 21 दिनों तक इस फैसले के खिलाफ डब्ल्यूकेएफ (World Karate Federation) के अनुशासनात्मक और कानूनी आयोग के सामने अपील करने का रास्ता भी खुला है।
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खेल मंत्रालय ने फिर से चुनाव कराने को कहा
इस सारे प्रकरण से पहले 16 जून 2020 को खेल मंत्रालय भारत सरकार ने 8 जनवरी 2019 को दिल्ली में हुए (Karate Association of India – KAI) चुनावों को खेल आचार संहिता का उलंघन बताया।
खेल मंत्रालय के मुताबिक़: 1. हर राज्य में सदस्य संगठन के दो लोग चुनाव में मतदान कर सकते हैं जबकि KAI के नियमो अनुसार केवल एक व्यक्ति ही मतदान कर सकता है। 2: KAI के नियमो के अनुसार प्रॉक्सी वोट, डाक द्वारा या किसी अन्य अधिकृत किए गए व्यक्ति द्वारा भी मतदान किया जा सकता है जो की खेल आचार संहिता का उलंघन है।
उपरोक्त कारणों के मद्देनज़र खेल मंत्रालय ने (Karate Association of India – KAI) को अपने नियमो में फेरबदल कर फिर से चुनाव कराने को कहा लेकिन इस पत्र में कहीं भी मान्यता रद्द करने का ज़िक्र नहीं है। लेकिन हाल ही में उच्च न्यालय के आदेश पर खेल मंत्रालय ने सभी खेल संगठनों की मान्यता रद्द की थी जिसमे कराटे एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया का नाम भी है।
सम्भावना है की आने वाले कुछ दिनों में इन सभी खेल संगठनों की मान्यता फिर से बहाल हो जाए, लेकिन देखना यह होगा कि विवादों के चलते KAI की मान्यता बहाल होगी या नहीं।
KAI में घमासान
खेल मंत्रालय द्वारा KAI के नियमो में बदलाव और फिर से चुनाव कराए जाने को लेकर घमासान शुरू हो गया है। (Karate Association of India – KAI) अध्यक्ष और महासचिव एक दूसरे पर नियमो के उल्लंघन के आरोप लगा रहे हैं।
KAI अध्यक्ष लिखा तारा ने 22 जून 2020 को सभी सदस्य संगठनों को पत्र जारी किया। पत्र में 23 जुलाई को ईटानगर अरुणाचल प्रदेश में नए चुनाव कराए जाने की सुचना दी गई।
उसके दो दिन बाद ही 24 जून को महासचिव अम्बेडकर गुप्ता ने अध्यक्ष लिखा तारा और सभी राज्यों को पत्र लिखा। पत्र में कहा गया कि संगठन के संविधान के अनुसार आम सभा बुलाने का अधिकार महा सचिव के पास है इसलिए लिखा तारा द्वारा आम सभा कि घोषणा वाला पत्र असंवैधानिक है। उन्होंने इस पत्र को रद्द करते हुए अध्यक्ष से इस पत्र को वापिस लिए जाने की मांग भी की। उन्होंने पत्र में लिखा की जैसे ही माहौल ठीक हो जायेगा वैसे ही बैठक बुलाई जाएगी। उन्होंने चुनाव से पहले संगठन के नियमो में बदलाव की बात भी की।
25 जून को अध्यक्ष लिखा तारा ने महासचिव आंबेडकर गुप्ता को पत्र लिख कर उनके द्वारा जारी पत्र को असंवैधानिक बताया और अध्यक्ष के अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए महासचिव को चेतावनी दे डाली कि उन्हें संगठन में या बाहर किसी से भी पत्रव्यवहार करने से रोका जाता है, इसके लिए उन्हें अध्यक्ष से इजाज़त लेनी पड़ेगी।
खेलो इंडिया न्यूज़ से बात करते हुए अध्यक्ष लिखा तारा ने बताया कि COVID19 की वजह से हालात खराब हैं, सरकार ने मुझे मीटिंग टालने के लिए कहा हैकि उन्होंने स्तिथि समान्य होने तक चुनाव ना करने की जानकारी सभी राज्यों को भेज दी है।
लिखा तारा ने बातचीत में बताया कि कुछ लोगों कराटे के नाम पर दूकान चला रहे हैं और मोटा पैसा वसूल रहे हैं, मैंने इनकी दूकान बंद कर दी है जिसकी वजह से वह परेशान हैं। मैं अम्बेडकर गुप्ता को कानून के दायरे में रह कर ही जवाब दूंगा।
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