खेलो इंडिया न्यूज़: उच्च न्यालय ने खेल मंत्रालय के 7 फरवरी 2020 को दिए गए उस फैसले को बदलने से इंकार कर दिया जिसमे उच्च न्यालय ने आदेश दिया था कि किसी भी खेल संगठन को मान्यता देने से पहले उच्च न्यालय से अनुमति लेनी होगी। खेल मंत्रालय ने उच्च न्यालय से उसके इस फैसले से खेल मंत्रालय को बाहर रखने की अपील की थी जिले उच्च न्यायालय ने ठुकरा दिया।
जस्टिस हीमा कोहली और नजमी वजीरी की विशेष पीठ ने कहा कि 7 फरवरी, 2020 के जिस आदेश को संशोधित करने की मांग की जा रही थी उसमें कोई त्रुटि नहीं थी। और विशेष पीठ ने यह भी कहा कि अगर मंत्रालय इससे संतुष्ट नहीं है तो वह उचित कानूनी सहारा ले सकता है। मतलब खेल मंत्रालय के पास उच्तम न्यालय जाने के दरवाज़े खुले हैं।
पीठ ने कहा कि मंत्रालय द्वारा दिया गया आवेदन “वस्तुतः एक अपील” है न कि संशोधन की मांग। खेल मंत्रालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) के एम नटराज ने कहा कि 7 फरवरी के आदेश को बिना सुनवाई के पारित कर दिया गया। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि सरकार को किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) को मान्यता देने के संबंध में निर्णय लेने से पहले अदालत की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
“यहां तक कि अन्यथा वर्तमान आवेदन की आड़ में, प्रतिवादी 1 (खेल मंत्रालय) 7 फरवरी को दिए गए आदेश की समीक्षा की मांग कर रहा था जो स्वीकार्य नहीं है। योग्यता के आधार पर भी हमें प्रार्थना करने के लिए उक्त आदेश में कोई त्रुटि नहीं दिखती है। आवेदन खारिज किया जाता है, “अदालत ने कहा
2010 से चले आ रहे इस मुकदमे में मुख्य याचिका में वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा द्वारा केंद्र को निर्देश देने की मांग की थी कि वे भारतीय ओलिंपिक संघ तथा खेल संगठन देश में खेलों के अच्छे प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त दिशानिर्देश और सुरक्षा उपाय लागू करें।
सुनवाई के दौरान राहुल मेहरा ने मांग की कि खेल मंत्रालय हलफनामा दाखिल करे के सभी 57 खेल संगठन राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन कर रहे हैं। इसपर ASG ने समय माँगा, उनकी इस मांग को मानते हुए उच्च न्यालय ने 21 अगस्त पर पेश होने को कहा।
वकील राहुल मेहरा ने 258 पेज के अपने हलफनामे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कौन कौन से खेल संगठन राष्ट्रिय खेल संहिता का पालन नहीं कर रहे।
57 में से 11 खेल संगठन पदाधिकारिओं की आयु संबंधित नियमो का उलंघन कर रहे हैं जिनमे साइक्लिंग फेडरेशन, इंडियन बॉडी बिल्डर्स फेडरेशन, खो-खो फेडरेशन और वॉली बॉल फेडरेशन भी हैं।
57 में से 19 खेल संगठन पदाधिकारिओं के कार्यकाल सम्बंधित मानदंडों का उलंघन कर रहे हैं जिनमे एमेच्योर कबड्डी, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, हॉकी, भारोत्तोलन और राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन भी शामिल हैं।
57 में से 22 संगठनों ने प्रतिबंधों का अनुपालन किया है कि कौन मतदान कर सकता है और केवल 17 संगठनों ने प्रॉक्सी वोटिंग को रोका है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 3 जुलाई को उच्च न्यायालय ने वकील राहुल मेहरा से उन सभी खेल संगठनों की सूची देने के लिए कहा था जो राष्ट्रिय खेल संहिता का पालन नहीं कर रहे हैं। इसी आदेश के चलते राहुल मेहरा ने 258 पन्नों का हलफनामा दायर किया जिसमे उक्त सभी संगठनों की खामियों की जानकारी दी गई।
खेल मंत्रालय अपने द्वारा बनाई गयी राष्ट्रिय खेल संहिता को लागू करने में असफल दिख रहा है। 258 पन्नों के हलफनामें से और उच्च न्यायालय द्वारा खेल मंत्रालय की याचिका ख़ारिज करने से जाहिर है कि आने वाले दिनों में खेल मंत्रालय और खेल संगठनों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, राष्ट्रिय खेल संहिता बनाने वाले और खेल संगठन चलाने वाले दोनों ही इसका उलंघन कर रहे हैं।
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