Delhi-High-Court

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को खेल मंत्रालय को 57 राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) को 30 सितंबर तक अंतरिम मान्यता देने से इन कर दिया। उच्चन्यालय ने राष्ट्रिय खेल संहिता का पालन ना करने वाले संगठनों को अंतरिम मान्यता दिए जाने पर एतराज़ उठाते हुए कहा कि इस तरह कि प्रवृति की इजाज़त नहीं दी जा सकती।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जस्टिस नजमी वज़ीरी के पीठ ने कहा कि ‘‘जब तक एनएसएफ (NSF) खेल संहिता का पालन नहीं करते हम अस्थायी प्रणाली को बनाये रखने की अनुमति नहीं देंगे। एनएसएफ से कहो कि वे अपनी व्यवस्था में सुधार करें। ’’

पीठ ने अगले साल ओलंपिक सहित विभिन्न खेल आयोजनों के मद्देनजर एनएसएफ को अस्थायी रूप से मान्यता देने की अनुमति देने वाले एक अंतरिम आदेश को भी खारिज कर दिया। खेल मंत्रालय ने पीठ से इन संगठनों को COVID19 अंतरिम मान्यता देने का आवेदन किया था ताकि खिलाड़ियों के लिए आने वाले ओलिंपिक खेलों के लिए अभ्यास की व्यवस्था कर सकें। पीठ ने कहा “लॉकडाउन मार्च अंत में हुआ इससे पहले आप क्या कर रहे थे”

पीठ ने खेल अधिवक्ता राहुल मेहरा को भी एक नोटिस जारी कर उन सभी संगठनों की सूची देने को कहा कि कौन राष्ट्रिय खेल संहिता का पालन नहीं कर रहा है और कौन नहीं ताकि खेल संहिता का पालन करने वाले संगठनों को अस्थायी मान्यता दी जा सके। राहुल महरा को जवाब सेने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया। अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।

खेल मंत्रालय की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और केंद्र सरकार के वकील अनिल सोनी ने पीठ से प्रार्थना की थी कि अगले कुछ महीनो में होने वाली प्रतियोगिताओं तथा ओलिंपिक को देखते हुए 57 खेल संगठनों को अंतरिम मान्यता दी जाए, इस पर पीठ ने दूसरे पक्ष को सुने बिना अनुमति देने से मना किया। पीठ ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि जब जनवरी में मान्यता की प्रकिरिया शुरू की गयी थी तब मंत्रालय उनके समक्ष क्यों नहीं आया और अब तत्काल अंतरिम मान्यता के आदेश के लिए नहीं कह सकते।

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