दिग्गजों के हाथों से फिसला भारतीय ओलिंपिक संघ का नियंत्रण
Khelo India News: इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन हमेशा ही नेताओं के चंगुल में फसी रही और राजनीति और घमासान की खबरें हमेशा आती रही हैं। हाल ही में अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा और महासचिव राजीव मेहता के बीच भी घमासान की खबरें जगज़ाहिर हैं। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन यानि के IOA के हर चुनाव में ज़बरदस्त जोड़तोड़ देखी जाती रही है, यहां तक कि राजनीतिक दलों के नेता भी जोड़तोड़ में शामिल देखे जाते रहे हैं। लेकिन इस वर्ष का चुनाव अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है।
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन का चुनाव दिसंबर 2021 में होना था लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका के चलते लटक रहा था, याचिका में मांग की गई थी कि इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन के कॉन्स्टिट्यूशन में भारत सरकार द्वारा जारी स्पोर्ट्स कोड के तहत बदलाव किए जाएं।
लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी ने इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन को साफ़ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि 15 दिसंबर 2022 तक इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन के कॉन्स्टिट्यूशन में बदलाव कर चुनाव नहीं कराए जाते तो IOA को बर्खास्त कर दिया जाएगा और अक्टूबर नवंबर 2023 में होने वाले IOC सत्र को भी भारत से कहीं और स्थानांतरित कर दिया जायेगा।
उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से हुआ संभव
उच्चतम न्यालय के हस्तक्षेप के चलते IOA के नियमो में बदलाव कर 10 दिसंबर को चुनाव कराए जा रहे हैं जिसमे 33 खेल संगठनों के 66 सदस्य वोट डालेंगे। हर फेडरेशन से एक पुरुष और एक महिला इस चुनाव में वोट डालेंगे। IOC सदस्य होने के नाते नीता अम्बानी भी इसमें वोट डालेंगी, उनके अलावा एथलिट कमीशन के दो सदस्य (एक पुरुष और एक महिला) 8 उत्कृष्ठ खिलाड़ी भी इस चुनाव का हिस्सा बनेंगे।
सभी दिग्गज हुए चुनाव से बाहर
IOA के संविधान के चलते सभी महारथी चुनावी दौड़ से बाहर हो गए और 10 दिसंबर के चुनाव से पहले ही पी टी उषा का निर्विरोध चुना जाना अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है जो के भरतीय खेलों की दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। भारतीय इतिहास में कभी कोई महिला इस पद पर नहीं रही लेकिन एक महिला खिलाडी का इस पद पर चुना जाना और सभी दिग्गजों का चुनावी प्रक्रिया से बाहर होना अपने आप में एक बड़ी घटना है।
चुनाव प्रक्रिया में शमिल उम्मीदवार:
अध्यक्ष – 1 (58 वर्षीय अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ी और राज्य सभा संसद पी टी उषा निर्विरोध निर्वाचित)
वरिष्ठ उपाध्यक्ष – 1 (अजय पटेल निर्विरोध निर्वाचित)
उपाध्यक्ष – 2 (1 महिला 1 पुरुष) राजलक्ष्मी सिंह + गगन नारंग निर्विरोध निर्वाचित
कोषाध्यक्ष – 1 (सहदेव यादव निर्विरोध निर्वाचित)
संयुक्त सचिव – 2 (1 महिला 1 पुरुष – कल्याण चौबे निर्विरोध निर्वाचित, जबकि महिला संयुक्त सचिव सुमन कौशिक और अलकनंदा अलकनंदा के बीच चुनाव होगा, अलकनंदा ने उपाध्यक्ष पद के लिए भी नामांकन भरा था जोकि बाद में वापिस ले लिया।
6 कार्यकारी परिषद के सदस्य जिसमें 1 महिला १ पुरुष उत्कृष्ट योग्यता वाले खिलाड़ी होंगे, जबकि कार्यकारी परिषद के चार सदस्यों के लिए अमिताभ शर्मा, भूपेंद्र सिंह बाजवा, हरपाल सिंह, परमिंदर सिंह ढींडसा, रोहित राजपाल और विठल शिरगाओंकर के बीच चुनाव होगा।
जलपरी मिनाक्षी पाहुजा को मिला मॉड्रनाइट एक्सेलेंस अवार्ड
खेलो इंडिया न्यूज़: समुंद्र में 25 किलोमीटर से भी ज़्यादा स्विमिंग करने वाली लेडी श्रीराम कॉलेज दिल्ली की लेक्चरर मिनाक्षी पाहुजा को दिल्ली के विख्यात मॉडर्न स्कूल ने एक्सेसेलेन्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

इससे पहले मीनाक्षी को 2019 में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार जोकि भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है से सम्मानित किया गया।

1977 में टीचर्स डे के दिन जन्मी मिनाक्षी पाहुजा वर्ष 1995 तक मॉडर्न स्कूल बाराखम्बा की छात्रा रही हैं। मॉडर्न स्कूल में ही उन्होंने अपने पिता से स्विमिंग सीखी, उनके पिता मॉडर्न स्कूल बाराखम्बा स्विमिंग कोच रहे।
क्योंकि पिता खुद एक स्विमिंग कोच थे इसलिए मिनाक्षी को 5 वर्ष की उम्र में ही स्विमिंग सिखाना शुरू कर दिया था। 9 वर्ष से भी कम उम्र में मीनाक्षी 50 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में जूनियर चैंपियन बनने के बाद 13 वर्ष तक शिखर पर रही।
लेकिन मीनाक्षी शायद 25-50 मीटर के पूल में स्विमिंग करने के लिए पैदा नहीं हुई थी, 2006 में उन्होंने खुले समुद्र में तैरना शुरू किया। जहां हम सड़क पर मैराथन करने से घबराते हैं लेकिन मिनाक्षी ने मैराथन स्विमिंग शुरू की जहाँ समुद्र का दूसरा किनारा दूरबीन से भी नहीं दीखता, सब तरफ सिर्फ और सिर्फ समुंद्र का पानी और पानी के अंदर हर तरह के जीव जंतु, आप जानते भी नहीं कि कंही समुद्र में यह आपका आखरी दिन तो नहीं।
2006 में मीनाक्षी ने पश्चिम बंगाल की भागीरथी नदी में 19 किलोमीटर तैराकी कर समुद्र में तैराकी का सफर शुरू किया और फिर पलट कर कभी नहीं देखा। हर खतरे और लम्बी तैराकी के साथ उनके हौसले बढ़ते गए लंबी तैराकी का की दूरी और लक्ष्य बढ़ता गया। साउथ कोरिया के बुसान अंतरराष्ट्रीय समुद्र में तैराकी का सफर शुरू किया, अपने देश के लिए 10वीं एशिया पैसिफिक में मैडल जीता।
2006 में विदेश में ज़ुरिक में 26.4 किलोमीटर ठन्डे पानी में तैरना आम आदमी की सोच से परे की बात है। मिनाक्षी 26 किलोमीटर तक ही नहीं रुकी बल्कि न्यूयॉर्क मैनहैटन 53 किलोमीटर और दुनिआ के बड़े से बड़े समुद्र में 80 किलोमीटर तक की दूरी भी तैर कर पार कर चुकी हैं।
मिनाक्षी के स्विमिंग कॅरियर की पूरी जानकारी यहाँ दे पाना हमारे लिए संभव नहीं क्योंकि उन्होंने दुनिआ के बड़े से बड़े समुंद्र तैर कर नाप दिए और मज़ेदार बात यह है कि अगले वर्ष वह एक और समुद्र को नापने की तयारी कर रही हैं। लगता है दुनिआ का समुद्र उनकी तैराकी के लिए छोटा पड़ जायेगा।
इसमें कोई दो राय नहीं मीनाक्षी जैसी बेटीआं देश के लिए गर्व की बात है लेकिन यह भी सही है कि वह नारी शक्ति अवार्ड से भी बड़े अवार्ड कि हकदार हैं। स्विमिंग में उनके कॅरियर को देखकर लगता है ज़रूर पिछले जन्म में वह जलपरी रही होंगी तभी उनका स्विमिंग और समुद्र से इतना प्यार है।

कौन थे मिनाक्षी के कोच ?


किसी भी खिलाड़ी की सफलता के पीछे उसके कोच और परिवार का सबसे योगदान होता है। मीनाक्षी के कोच थे वी के पाहुजा जो कि उनके पिता भी थे, उन्होंने अपना स्विमिंग का सपना अपनी बेटी मिनाक्षी पाहुजा के माध्यम से पूरा किया। यूँ तो कितने ही अन्य खिलाड़िओं को उंहोने स्विमिंग सिखाई लेकिन उनकी बेहतरीन तैराक उनकी बेटी ही साबित हुई जिसने सिर्फ अपने पिता ही नहीं बल्कि देश का नाम भी दुनिया में ऊंचा किया।
अपने समय में वी के पाहुजा स्विमिंग में एक जाना माना नाम था। वह स्वयं एक अंतरराष्ट्रीय तैराक रहे और देश के पहले NIS Swimming Batch का हिस्सा रहे। मॉडर्न स्कूल बाराखम्बा में स्विमिंग प्रशिक्षक के रूप जुड़े और सेवा-निवृत होने के समय समाजशास्त्र और हिंदी के अध्यापक रहे।
वी के पाहुजा जी एक अन्य बेहद दिलचस्प काम के लिए जाने जाते रहे वह है swimming statistics, स्विमिंग के आंकड़ों को संजोने में वह देशभर में जाने जाते और आज भी उनकी बेटी उनके नाम से हर वर्ष Swimming statistics की एक किताब जारी करती हैं।
मॉडर्न स्कूल – दिल्ली का पहला गैर सरकारी स्कूल

मॉडर्न स्कूल (Modern School) नई दिल्ली, भारत में एक सह-शैक्षिक, प्रतिष्ठित निजी स्कूल है। इसकी स्थापना 1920 में दिल्ली के एक प्रमुख व्यवसायी और परोपकारी लाला रघुबीर सिंह द्वारा की गई थी, जो एक ऐसी संस्था की इच्छा रखते थे जो “समय की जरूरतों के साथ प्राचीन भारतीय परंपरा का सबसे अच्छा संयोजन करे।” ब्रिटिश राज की राजधानी के बाद दिल्ली को शहर में स्थानांतरित कर दिया गया।
मॉडर्न स्कूल का पूर्व छात्रों का निर्माण करने का इतिहास रहा है जो रक्षा, राजनीति, व्यवसाय, कानून, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान और मानविकी में महत्वपूर्ण, अग्रणी व्यक्ति बन गए हैं। कुछ ने तकनीकी प्रगति की है, नवीन उत्पादों का विकास किया है या जीवन रक्षक उपचारों की खोज की है, जबकि अन्य ने राष्ट्रों और क्रांतियों का नेतृत्व किया है, कालातीत कलाकृति या ऐसे लिखित शब्द बनाए हैं जिन्होंने इतिहास के पाठ्यक्रम को बदल दिया। स्कूल के पूर्व छात्र दुनिया के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं और उद्यमिता और स्वयंसेवा के माध्यम से समाज में योगदान देने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं।
देश के जाने माने चेहरे इस स्कूल से पढ़े हैं:
- श्री खुशवंत सिंह (पद्म विभूषण)
- डॉ भरत राम (पद्म भूषण) मीडिया
- एयर चीफ मार्शल पी सी लाल (पद्म भूषण और पद्म विभूषण)
- स्वर्गीय श्री न्यायमूर्ति प्रकाश नारायण
- एयर चीफ मार्शल एस के मेहरा
- लेफ्टिनेंट जनरल अमरजीत सिंह कालकट
- डॉ अरुण शौरी (भारतीय अर्थशास्त्री, पत्रकार, लेखक और राजनीतिज्ञ)
- लेफ्टिनेंट जनरल विजय लाल
- लेफ्टिनेंट जनरल शंकर प्रसाद
- मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अजय सूद, वीएसएम
- डॉ नरेश त्रेहन (पद्म श्री और पद्म भूषण)
- उस्ताद अमजद अली खान (पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण)
- लेफ्टिनेंट जनरल अरविंद शर्मा
- श्री न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल
- श्री सुनील मित्रा, आईएएस
- श्री न्यायमूर्ति संजय किशन कौल
- श्री कीर्ति आज़ाद पूर्व क्रिकेटर
- सुश्री बरखा दत्त – (पद्म श्री) एनडीटीवी की पूर्व समूह संपादक
- श्री गौतम गंभीर – क्रिकेटर
- डॉ. मिनाक्षी पाहुजा – नारी शक्ति अवार्ड
आप मीनाक्षी पाहुजा को इंस्टाग्राम और फेसबुक पर संपर्क कर सकते हैं
Shivika Tandon- श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल की बेटी कर रही स्पोर्ट्स की दुनिया में अपना नाम रोशन
हाल ही में शिविका बहुत ही तेजी से सोशल मीडिया पर SHIVI INDIAN ATHELETE के नाम से इंस्टाग्राम पर वायरल हो रही है, रोप स्किप्पिंग खेल में राज्य तथा नेशनल स्तर पर कई पदक जीतने के बाद अब इंटरनेशनल में स्वर्ण पदक जीतने का सपना लिए शिविका कर रही है अपने पैशन और अपने रोप स्किप्पिंग जनून नई उचाईओं पर ले जाने की तैयारी। जैसे उसके सपनो को पंख लग गए हों।
मात्र तीन महीन में उनके एक लाख से भी अधिक फोलोवर हैं और उनकी प्रोफाइल को 2 करोड़ ज़्यादा बार देखा जा चुका है। इंस्टाग्राम की यह स्टार भारतीय लड़किओं के लिए शिविका एक एक मिसाल बन गई हैं।
6 साल के इस सफर में कई उतार चड़ाव आए, कोविद के समाय में कई बुरी परिस्थितियों का सामना करने के बाद भी आज इस मुकाम पर पहुंचने में शिवि के माता पिता ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
शिविका ने बताया की श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती नीता अरोरा का साथ तथा आशीर्वाद सदैव उनके साथ बना रहा, तथा हर परिस्थिति में स्कूल का सहयोग भी मिलता रहा। हम आशा करते है की शिविका की तरह हमारे देश की सभी बेटिया अपना तथा अपनों का नाम ऐसे ही रोशन करे।
आप चाहें तो आप भी शिविका को उसके इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं यहां क्लिक करें
शिविका के स्कूल और उसके माता पिता ने साबित कर दिया कि यदि आगे बढ़ने का मौका दिया जाए तो बेटियां कुछ भी कर सकती हैं।

सतीश उपाध्याय ने “आईयूकेएल वर्ल्ड केटलबेल लिफ्टिंग चैंपियनशिप” का “फिट इंडिया मूवमेंट” के तहत उद्घाटन किया
नई दिल्ली, अक्टूबर 28, 2022
“खेल न केवल एक स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करता है बल्कि हमारे जीवन में एक बहुमुखी आवश्यकता भी है क्योंकि खेल हमारे जीवन को संतुष्टि और सफलता से भरा बना सकते हैं” यह बात नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने आज तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए “फिट इंडिया मूवमेंट” के विजन के तहत केटलबेल स्पोर्ट इंडिया एसोसिएशन (केएसआईए) द्वारा आयोजित “आईयूकेएल वर्ल्ड केटलबेल लिफ्टिंग चैंपियनशिप” के उद्घाटन के बाद कही ।

श्री उपाध्याय ने बताया कि यह चार दिवसीय चैंपियनशिप 28 से 31 अक्टूबर 2022 तक आयोजित की गई है। उन्होंने आगे कहा कि KSIA 2019 से भारत के 25 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में काम कर रही है। KSIA का मुख्य उद्देश्य केटलबेल के खेल को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है। खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं और चैंपियनशिप आयोजित करके भारत में लिफ्टिंग और भारत में केटलबेल लिफ्टिंग के खेल का ज्ञान और तकनीक प्रदान करना है ।
उन्होंने आगे कहा कि केटलबेल लिफ्टिंग राष्ट्रीय जागरूकता को प्रोत्साहित करती है कि केटलबेल लिफ्टिंग एक दर्शक और मीडिया उन्मुख खेल है। केटलबेल स्पोर्ट एक शक्ति-धीरज खेल है जिसमें एथलीटों को एक उप-अधिकतम भार के तहत काम करने की आवश्यकता होती है, एक निश्चित समय सीमा में जितना संभव हो उतने दोहराव के लिए अपने केटलबेल को उठाना है ।
उन्होंने कहा रूस से उत्पन्न, खेल दुनिया भर में विकसित हुआ है और संगठन के नियमों और प्रतियोगिता प्रारूपों के आधार पर कई भिन्नताएं हैं। शास्त्रीय लिफ्टों में से तीन हैं: झटका, छीनना और लंबा चक्र। प्रतिस्पर्धी केटलबेल उठाने का रूस और पूर्वी यूरोप में एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन 1960 के दशक के दौरान केटलबेल लिफ्टिंग नाम के तहत एक संगठित, मानक खेल के रूप में विकसित हुआ है।
श्री उपाध्याय ने बताया कि केएसआईए असली केटलबेल लिफ्टिंग खिलाड़ियों द्वारा सीखी गई तकनीकों का उपयोग करता है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केटलबेल लिफ्टिंग के उच्चतम स्तरों पर खेला है। केटलबेल खेल के बारे में सबसे अच्छी चीजों में से एक इसकी पहुंच है- इस खेल को लेने के लिए आपको एक विशिष्ट एथलीट होने की आवश्यकता नहीं है। आरंभ करने के लिए आपको केवल कुछ केटलबेल, एक अच्छा केटलबेल खेल कोच, और अपनी तकनीक विकसित करने के लिए धैर्य और ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। टीम वर्क, अनुशासन, समर्पण और खेल भावना के सिद्धांतों को लागू करके, हम आजीवन कौशल जैसे मूल्यों, आत्म-सम्मान, लक्ष्य निर्धारण और भाग लेने वाले प्रत्येक खिलाड़ी के साथ जिम्मेदार विकल्प बनाने पर भी जोर देते हैं।

श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल, शरीर, दिमाग और आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए खेल और फिटनेस गतिविधियां बहुत अच्छी हैं। फिट इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए केटलबेल स्पोर्ट इंडिया एसोसिएशन ने इस चैंपियनशिप का आयोजन किया है। आंदोलन का मिशन व्यवहार में बदलाव लाना और अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय जीवन शैली की ओर बढ़ना है।
उन्होंने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खेल को खेल भावना से खेलना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल लोगों को जोड़ता है और जब व्यक्ति एक टीम/चैंपियनशिप के रूप में खेलते हैं, तो वे एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विश्वास का निर्माण होता है और रिश्तों में सुधार होता है।
इस अवसर पर श्री उपाध्याय ने 15 देशों के कोचों और अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधीशों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस 4 दिवसीय चैंपियनशिप में 14 देशों (ऑस्ट्रेलिया, बुल्गारिया, फ्रांस, भारत, आयरलैंड, कजाकिस्तान, लातविया, लिथुआनिया, मंगोलिया, पोलैंड, रूस, ताइवान, उज्बेकिस्तान, यूएसए) के 250 प्रतिभागियों के प्रतिनिधि हैं।
इसके अलावा, बड़ी संख्या में प्रतिभागी, न्यायाधीश, कोच, अध्यक्ष आईयूकेएल – श्री इगोर सोलोडोव, मुख्य न्यायाधीश – श्री रोलैंडस कुबिलियस, श्री हरपाल सिंह फ्लोरा – अध्यक्ष (केएसआईए) और इंटरनेशनल यूनियन ऑफ केटलबेल लिफ्टिंग आईयूकेएल उपस्थित रहे और और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
हिमाचल की बलविंदर बनी कोर्फबॉल की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

कोर्फबॉल की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी – कुल्लू की बलविंदर देश और विदेश में हिमाचल का नाम ऊंचा कर रही है, 1 से 4 सितम्बर को आयोजित 34वीं सीनियर नेशनल कॉर्फबॉल (Korfball) चैंपियनशिप में बलविंदर (वाणी) को महिला वर्ग में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार मिला।
कोर्फबॉल की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी
बलविंदर के कोच विनोद कुमार ने बताया हिमाचल प्रदेश कोर्फबॉल (Korfball) टीम ने 34वीं सीनियर नेशनल कॉर्फबॉल (Korfball) चैंपियनशिप में दूसरा स्थान हासिल किया जबकि हरियाणा के खिलाफ फाइनल मैच में 2 गोल से हार गई। लेकिन बलविंदर के बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से बलविंदर को महिला वर्ग में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार दिया गया और उसे 7 से 20 सितंबर, 2022 तक पंजाब के जालंधर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में होने वाले इंडियन नेशनल टीम कैंप के लिए भी चुना गया है।
बलविंदर ने गत माह मोरक्को में हुई अंतररराष्ट्रीय बीच कोर्फबॉल (Korfball) चैंपियनशिप में भी देश का प्रतिनिधित्व किया और बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टीम ने पहली बार विश्व टूर्नामेंट में सातवां स्थान प्राप्त किया।
हिमाचल प्रदेश कोर्फबॉल (Korfball) एसोसिएशन के महासचिव बी. आर. सुमन ने बलविंदर कौर के प्रदर्शन पर उसे बधाई देते हुए कहा कि हिमाचल और देश को ऐसे खिलाड़िओं कि आवशयकता है।
ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ि ही देश के लिए मैडल लाने में सक्षम हैं। हिमाचल प्रदेश कोर्फबॉल एसोसिएशन ऐसे खिलाड़िओं के लिए हर सम्भव प्रयास करेगी।

भारतीय टीम का बेहतरीन प्रदर्शन – क्वार्टर फाइनल में पहुंची
Khelo Indian News: लगता है देश खेलों में भी विश्व में अपनी पहचान बनाने में अग्रसर है, प्रधानमंत्री, खेलमंत्री ही नहीं खिलाड़ी भी अपनी प्रतिभा के दम पर घर घर ही नहीं विश्वभर में तिरंगा फहराने की कसम खा चुके हैं।
10 वर्ष बाद किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में जाना और क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाना किसी भी टीम के लिए बड़ी बात होती है और ऐसा ही कर दिखाया है भारतीय कोर्फबॉल टीम ने मोरक्को में हो रही विश्व बीच कोर्फबॉल चैंपियनशिप में।
जब भारतीय टीम खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिल रही थी तो आत्मविश्वास तो झलक रहा था लेकिन खिलाड़िओं को आशीर्वाद देते वक़्त शायद खेल मंत्री को ऐसी उम्मीद नहीं रही होगी भारतीय टीम इस कदर बेहतरीन प्रदर्शन करेगी। जहां विश्व के बेहतरीन टीमें प्रदर्शन कर रहीं हो वहां 10 वर्ष बाद भारतीय खिलाड़िओं द्वारा क्वार्टर फाइनल तक पहुंचना ही अपने आप में बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।

आज क्वार्टर फाइनल में भारत का मुक़ाबला पुर्तगाल से होगा और पुर्तगाल जैसी टीम को हराकर सेमिफाइनल स्थान बनाना अपने आप में एक बेहद कठिन कार्य है लेकिन भारतीय टीम का उत्साह देखने लायक है।
बहरहाल देश की नज़रें इन खिलाड़िओं पर टिकी हुई और उमीदें और बढ़ गई हैं की शायद यह खिलाड़ी कोई चमत्कार देश लिए मैडल ला पाएं और विश्व कोर्फबॉल (World Korfball) के साथ साथ खेल मंत्रालय को भी साबित कर पाएं कि कोर्फबॉल फेडरेशन (Korfball Federation) का निलंबन रद्द कर फिर से पूर्ण मान्यता दी जाती है तो कोर्फबॉल देश लिए मैडल लाने का सामर्थ्य रखती है।

भारतीय टीम ने रचा इतिहास
Khelo India News: बड़ी उम्मीदों और प्रशिक्षण शिविर में की गई कड़ी मेहनत के दम पर भारत की टीम ने आईकेएफ वर्ल्ड बीच कॉर्फबॉल चैंपियनशिप में शुरुआत की, जो यहां शुक्रवार को मोरक्को के नाडोर में शुरू हुई।
इंडियन बीच कॉर्फबॉल टीम ने इंग्लैंड को 10-2 से और मेजबान मोरक्को-2 को 5-0 से हराकर इतिहास रच दिया। जबकि पूल बी के लीग मैच में भारतीय टीम बेल्जियम से 2-14 से हार गई। लेकिन चौथे मैच में भारत ने वेल्स को 9 – 2 से रौंदा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक दशक के बाद भारतीय कोर्फबॉल टीम फिर से अंतर्राष्ट्रीय खेल के मैदान में में उतरी है और उतरते ही दो देशों को पटखनी दे डाली।
ज्ञात रहे कि पिछली गवर्निंग बॉडी द्वारा अनियमित्ताओं के चलते भारतीय कोर्फबॉल फेडरेशन की सदस्य्ता अंतर्राष्ट्रीय कोर्फबॉल द्वारा निलंबित कर दी गई थी, यहां तक के खेल मंत्रालय ने मान्यता से निलंबित कर दिया था। लेकिंन हाल ही में हिमांशु नाथ मिश्रा के अध्यक्षता फेडरेशन ने संगठन तथा संविधान में बदलाव कर मान्यता फिर से हासिल कर ली थी।
अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन से मान्यता बहाल होने के बाद इस टीम के यह पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है जो मोरक्को में हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय बीच कोर्फबॉल मोरक्को में 19 से 20 अगस्त 2022 को हो रही है। विशाल शर्मा इस टीम के कप्तान हैं।

मध्य प्रदेश राज्य स्तरीय जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता संपन्न
मध्य प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन के तत्वावधान में 17 वी मध्य प्रदेश राज्य स्तरीय जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन टी टी नगर स्टेडियम में संपन्न हुआ। स्पर्था में प्रदेश के 46 सम्बद्ध इकाईओं से लगभग 628 बालक बालिका एथलीटों ने भाग लिया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष अमानत खान, सचिव ए मुरलीधर, अध्यक्ष तकनिकी समीति डा राजेश मिश्रा, एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया के उपाध्यक्ष मुमताज खान, मध्य प्रदेश के ओलम्पियन एथलीट व मध्य प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन के एज वेरिफिकेशन कमेटी के सदस्य अंकित शर्मा, सदस्य प्रचार एवं प्रसार समिति विष्णु कान्त सहाय के साथ ही एसोसिएशन के समस्त पदाधिकारी उपस्थित थे। अंत में मध्य प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन की और से एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।
परिणाम इस प्रकार रहे
बालिका वर्ग:
100 मीटर में शिल्पी दास भोपाल कारपोरेशन प्रथम, दुर्गा सेन सतना द्वितीय, ओजस्विनी जबलपुर कारपोरेशन तृतीय
200 मीटर दौड़ में शिवकन्या भोपाल जिला प्रथम शिल्पी दास भोपाल कारपोरेशन द्वितीय दुर्गा सेन सतना तृतीय
400 मीटर में शिवकन्या भोपाल जिला प्रथम सोनाक्षी सोनी विदिशा द्वितीय कुसुम सिंगरौली तृतीय
800 मीटर में अर्पिता शर्मा भोपाल जिला प्रथम सोनम परमार भोपाल द्वितीय साक्षी गुर्जर भोपाल तृतीय
1500 मीटर दौड़ बुशरा खान भोपाल जिला प्रथम अर्पिता शर्मा भोपाल जिला द्वितीय सोनम परमार भोपाल तृतीय
3000 मीटर दौड़ में बुशरा खान भोपाल जिला प्रथम पूनम सिंगरौली द्वितीय रेनू केवट सतना तृतीय
100 मीटर बाधा दौड़ कृतज्ञ शर्मा रतलाम जिला प्रथम कुमकुम वर्मा उज्जैन जिला द्वितीय
400 मीटर बाधा दौड़ पूनम देवास जिला प्रथम सलोनी देवास जिला द्वितीय कुमकुम उज्जैन जिला तृतीय
गोला फेंक गरिमा राठौर भोपाल जिला प्रथम वैष्णवी सिंह सिंगरौली द्वितीय यशस्वी उज्जैन जिला तृतीय
तवा फेक गरिमा राठौर भोपाल जिला प्रथम श्रेया यादव भिंड द्वितीय वैष्णवी सिंह सिंगरौली तृतीय
भाला फेंक शालू सिंगरौली प्रथम ऋतुराज सिंगरौली द्वितीय
तार गोला फेक खुशीराय उज्जैन जिला प्रथम यशस्वी उज्जैन जिला द्वितीय
लंबी कूद प्रांजल सिंह भोपाल कारपोरेशन प्रथम इशिका भोपाल जिला द्वितीय प्रियंका मिश्रा सिंगरौली तृतीय
पोल वॉल्ट नीतिका भोपाल जिला प्रथम भाव्या जैन भोपाल द्वितीय श्रुति राठौर भोपाल जिला तृतीय
बालक वर्ग
100 मीटर में अभय सिंह भोपाल जिला प्रथम रवि कुशवाह देवास कारपोरेशन द्वितीय सिकंदर भोपाल जिला तृतीय
200 मीटर दौड़ में अभय सिंह भोपाल जिला प्रथम रमजान अली जबलपुर कारपोरेशन द्वितीय अभय सिंह जबलपुर कारपोरेशन तृतीय
400 मीटर में बृजेश सिंह सतना प्रथम अजय सिंह जबलपुर कारपोरेशन द्वितीय संस्कार राय सिंगरौली तृतीय
800 मीटर में आदर्श कुमार जबलपुर कारपोरेशन प्रथम शशांक यादव मुरैना द्वितीय दुर्गेश गुप्ता सिंगरौली तृतीय
1500 मीटर दौड़ में राहुल मौर्य देवास कारपोरेशन प्रथम मोहित कुमार यादव जबलपुर कारपोरेशन द्वितीय चंदन यादव सिंगरौली तृतीय
3000 मीटर दौड़ में मोहित कुमार जबलपुर कारपोरेशन प्रथम संदीप कुमार भोपाल जिला द्वितीय विकास कुमार बिंद भोपाल जिला तृतीय
110 मीटर बाधा दौड़ अमन पटेल भोपाल जिला प्रथम यशवंत सिंह पन्ना द्वितीय मोहम्मद राहील कुरेशी उज्जैन जिला तृतीय
400 मीटर बाधा दौड़ उदय परमार शाजापुर प्रथम यशवंत सिंह पन्ना द्वितीय प्रखर जोशी उज्जैन जिला तृतीय
गोला फेंक अभिषेक सिंह सिंगरौली प्रथम हेमंत सिंह भोपाल जिला द्वितीय हर्षवर्धन सिंह पन्ना तृतीय
तवा फेंक गौरव सिंह जबलपुर कारपोरेशन प्रथम शुभम इंदौर जिला द्वितीय मनीष जबलपुर कारपोरेशन तृतीय
भाला फेंक हिमांशु मिश्रा सतना प्रथम अनिल कुमार यादव सिंगरौली द्वितीय राज यादव पन्ना तृतीय
तार गोला फेक नीरज कुमार सिंगरौली प्रथम वरुण जाट उज्जैन जिला द्वितीय साहित्य चौहान बेतूल तृतीय
ऊंची कूद में रोहित यादव भोपाल कारपोरेशन प्रथम तरुण चौधरी जबलपुर कारपोरेशन द्वितीय अंकित प्रजापति नरसिंहपुर तृतीय
लंबी कूद मोहम्मद मासूक भोपाल जिला प्रथम संदीप सिंह भोपाल कारपोरेशन द्वितीय पलविंदर सिंह जबलपुर कारपोरेशन तृतीय
त्रिकूद पलविंदर सिंह जबलपुर कारपोरेशन प्रथम तरुण चौधरी जबलपुर कारपोरेशन द्वितीय दिवेश चौहान छिंदवाड़ा तृतीय
पोल वॉल्ट देव मीणा भोपाल जिला प्रथम बनती नाथ भोपाल द्वितीय पवन यादव भोपाल जिला तृतीय रहे
अंडर 18 बालक बालिका एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भिंड की श्रेया को सिल्वर मेडल
राज्य स्तरीय 18 वर्ष बालक बालिका प्रतियोगिता में भिंड की श्रेया यादव ने डिस्कस थ्रो में भाग लेकर के द्वितीय स्थान प्राप्त किया यह प्रतियोगिता भोपाल टीटी नगर स्टेडियम में दिनांक 2 जनवरी को संपन्न हुई यह है प्रतियोगिता मध्य प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन के तत्वाधान में संपन्न हुई मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख रूप से प्रदेश के खेल व कल्याण सहायक संचालक बीएल यादव तथा विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय एथलेटिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मुमताज खान और अध्यक्षता अमानत खान प्रदेश अध्यक्ष एथलेटिक फेडरेशन ने की इस अवसर पर प्रदेश सचिव मुरली सर कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह मध्यप्रदेश की ओर से ओलंपिक में भाग लेने वाले अंकित शर्मा तथा प्रदेश कार्यकारिणी के प्रमुख सदस्य राधे गोपाल यादव विष्णु कांत सहाय और नरेंद्र सिंह तोमर पवन शर्मा, राहुल मिश्रा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे
श्रेया की इस उपलब्धि पर श्रवण पाठक, डॉ साकार तिवारी, तिलक भदौरिया, प्रभात राजावत, प्रमोद गुप्ता, संजय पंकज, संजीव भदौरिया, गगन शर्मा, राहुल यादव, प्रवेंद्र शर्मा, अमित सिरोठिया, जयदीप राजावत अश्वनी तिवारी आदि ने हर्ष व्यक्त किया है एवम उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाये दी है।।